कल्पनाओं में
समाइरा गुप्ता – 9B
ऊपर देखा तो दिन भी दुखी लग रहा,
सोचा, आखिर कहाँ से यह दुख उठ रहा?
ज़्यादा सोचने के कारण से?
या सोचकर भी अस्थिर होने से?
रूस के आतंक से अस्थिर मन,
छात्रों के स्वनाश से अस्थिर मन,
घने दुख के अंधकार में दुर्घटना,
आखिर वह थी छोटी लड़की और संसार था बड़ा।
ग्लोबल वार्मिंग को सहना पड़ा,
कोविड को भी सह लिया।
दावानल को सह रही,
जंगलों का नाश देख लिया।
सोचने लगी, क्यों सोच रही?
यह तो पढ़ने का समय है।
दसवीं की परीक्षा के लिए,
प्रयास करने का समय है।
यही सब सोचती रही,
कुछ करें तो क्या करें?
इतने सारे कठिन प्रश्न,
डूब गई कल्पनाओं में।
सोशल मीडिया - एक वरदान
तन्मय गुप्ता – 9E
क्यों, कब और कैसे सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया। सोशल मीडिया ने हमारे सोचने के तरीक़े को पूरी तरह से बदल डाला है। सोशल मीडिया ने अधिक युवा लोगों को रचनात्मक बनने में सक्षम बनाया है। सोशल मीडिया साइट्स ज्यादातर सक्रिय भागीदारी पर निर्भर रहती हैं। इससे ऐसा होता है कि युवा अधिक सोचते हैं और जानकारी साझा करते समय नई सामग्री के साथ आते हैं। सोशल मीडिया बच्चों को अधिक आत्मविश्वास और स्वतंत्र बनने के लिए कौशल देता है।
सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा बहुत सुविधाजनक हो गई है। महामारी के कारण बच्चे विद्यालय नहीं जा सकते हैं, फिर भी उनकी सिक्षा में कोई बाधा नहीं आई। वे घर बैठे ही अपनी शिक्षा पूरी कर रहे है। छात्र आसानी से कक्षा के काम या असाइनमेंट के लिए महत्वपूर्ण डेटा साझा कर सकते हैं। यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट और अन्य शैक्षिक उद्देश्यों को तैयार करने के लिए जानकारी एकत्र करने के लिए भी प्रभावी है। आजकल बड़े बड़े संस्थान, कोचिंग, अध्यापक सोशल मीडिया, जैसे यूट्यूब पर पढ़ाते हैं। इसके साथ साथ यदि किसी बच्चे को अन्य किसी कला में रुचि है तो वह भी सोशल मीडिया के माध्यम से उस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त कर सकता है। गरीब बच्चे भी मुफ़्त में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिक्षा पूरी कर सकते हैं।
आज कल सोशल मीडिया का सबसे अच्छा फ़ायदा यह है कि लोग अपने व्यवसाय, व्यापार का प्रचार - प्रसार इसके माध्यम से कर सकते हैं। किसी भी चीज़ का विज्ञापन करने का सबसे तेज़ तरीका उसे सोशल साइट्स पर अपलोड करना है। किसी अन्य मीडिया जैसे रेडियो, टेलीविजन या समाचार पत्रों की तुलना में सोशल मीडिया समाचारों या सूचनाओं को पहुंचाने में तेज है।
सोशल मीडिया का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे हम अपने रिश्तेदारों तथा मित्रों से सीधा सम्पर्क में रह सकते हैं और कोई शुल्क भी नहीं लगता है। हम सोशल मीडिया के माध्यम से नवीनतम समाचार आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और अपने विचार बाकी दुनिया के साथ भी साझा कर सकते हैं। हम अन्य लोगों की राय भी प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों की बातों को समझ सकते हैं। यह हमें दुनिया भर में कई लोगों से जुड़े रहने में मदद कर सकता है।
सोशल मीडिया ने महामारी के समय हमारे देश के प्रगति में मददगार रहा है और इसने इस कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था का उत्थान किया है। हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि “सोशल मीडिया सामाजिक बाधाओं को कम कर रहा है। यह लोगों को मानवीय मूल्यों की मज़बूती के आधार पर जोड़ता है, पहचान के आधार पर नहीं।”डिजिटल दुनिया का विकास काफ़ी तीव्र गति से हो रहा है और इसे अधिक बेहतर बनाने में लोग भी काफ़ी योगदान दे रहे हैं। आज सोशल मीडिया दुनिया भर के लोगों से जुड़ने और स्वस्थ सम्बंध बनाने का एक उत्तम साधन है और लोग अपना व्यवसाय - शिक्षा भी इसके माध्यम से बनाए रख सकते है। सोशल मीडिया मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह सच है कि सोशल मीडिया मनुष्य के प्रगति के लिए एक वरदान है।
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